Bhawani GK in Hindi - Bhavani Current Affairs - History of Bhawani - भिवानी का इतिहास

 

भिवानी का  इतिहास - History of Bhawani

आईने-अकबरी में भिवानी का ज़िक्र मिलता है। कहा जाता है की ये नगर राजपूत राजा नीम ने अपनी रानी भानी के नाम पर बसाया था। कालांतर में इसका नाम स्थानीय बोली के अनुरूप बिगड़ कर भ्याणी और बाद में भिवानी पड़ गया। परन्तु कुछ लोगों का मानना है की यहाँ हिन्दू धर्म की देवी माता भवानी ने अपने चरण रखे थे और उससे इसका नाम बिगड़ कर भिवानी पड़ा। मुग़ल काल में यह एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक नगर था और आज भी हरियाणा और राजस्थान के बीच उद्योग का केंद्र है 

भिवानी में 12 दरवाजे

1. रोहतक गेट

2. महम गेट

3. तिगड़ाना गेट

4. हांसी गेट

5. रेल दरवाजा

6. दिनोद गेट

7. देवसर गेट

8. हलवास गेट

9. पतराम गेट

10. हनुमान गेट

11. बेरी गेट

12. बावड़ी गेट

शिक्षा

शिक्षा के मामले में भिवानी बहुत उन्नत शहर है। यहाँ हरियाणा शिक्षा बोर्ड का मुख्यालय स्थापित है। इसके अलावा भिवानी में लगभग दस प्रौद्योगिकी संस्थान है जिनमें से Technological Institute of Textiles and Sciences तो पूरे उत्तर भारत में अपने जैसा अकेला है। तत्पश्चात यहाँ के अनेक और महाविद्यालय भिवानी की महिमा बढा रहे हैं। यहाँ के अधिकतर महाविद्यालय महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से संलग्न हैं। शहर के प्रमुख विद्यालयों में हलवासिया विद्या विहार, उत्तमी बाई, भिवानी पब्लिक स्कूल, वैश्य मॉडल, वैश्य सीनिअर, बाल भवन और डी॰ए॰वी॰ स्कूल उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा, दादरी के डी॰आर॰के॰, आर॰ई॰डी॰ और एपीजे तथा बहल के बी॰आर॰सी॰एम॰ भी प्रसिद्द हैं।

देश का विख्यात औद्योगिक महाविद्यालय, BITS पिलानी (राजस्थान) भिवानी से अधिक दूरी पर नहीं है तथा वहाँ अनेक विद्यालय शैक्षिक भ्रमण पर अपने छात्रों को ले जाते हैं।

उद्योग और व्यापार

यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी है, जिसका अधिकांश व्यापार राजस्थान राज्य के साथ होता है। कपास की ओटाई एवं धुनाई, तेल की मिलें एवं निर्माण की लघु इकाईयां यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं।

यातायात

भिवानी यातायात के ज़रिये आस पास के सम्पूर्ण क्षेत्र से भली भाँती जुड़ा हुआ है। हाल ही में भिवानी के बस अड्डे को शहर के भीड़ भाड़ से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है जिससे सड़क यातायात और भी सुगम हो गया है। भिवानी से मुख्यतः पाँच तरफ सड़कें निकलती हैं, हिसार, तोशाम, लोहारू, चरखी दादरी और रोहतक। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए लगभग हर समय सड़क और रेल यातायात उपलब्ध है।

भिवानी एक बड़ा रेल-जंक्शन है और यहाँ से तीन दिशाओं में रेलवे लाइन निकलती हैं जिनमें से एक उत्तर की ओर जाती हुयी पंजाब चली जाती है। यहाँ किसी समय पर एक हवाई अड्डा भी बनाया गया था जो आज कल बंद है। भिवानी शहर से निकलने वाली रेलगाड़ियों की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।

लोग

भिवानी की अधिकांश जनसंख्या हिन्दू धर्म का अनुसरण करती है। इनमें से भी अधिकतर राजपूत सम्प्रदाय के लोग है। तत्पश्चात जाट, खाती बनिए, ब्रह्मण आदि जातियां भी भिवानी में प्रमुख है। मुस्लिम लोगों की जनसंख्या तुलनात्मक रूप से कम है परन्तु नगण्य नहीं है। विविधता होने के बावजूद यहाँ कभी धर्म अथवा जाती को लेकर कोई ख़ास मतभेद नहीं हुआ है। अपितु लोग समभाव एवं भाईचारे का प्रतीक चिह्न हैं। भिवानी की कार्यालयी भाषा हिंदी है तथा बोली हरियाणवी है। कुछ लोग यहाँ शुद्ध हिंदी भी बोलते हैं और कहीं कहीं उर्दू का भी प्रभाव देखने को मिलता है। भिवानी में एक बड़ी जनसंख्या में बिहार तथा उत्तर प्रदेश से लोगों का आप्रवासन होता है जो रोज़गार के लिए यहाँ आते हैं। भिवानी का सामान्य पहनावा पुरुषों में कुर्ता-पजामा, धोती, पैंट-शर्ट, तथा सर पर खंडूवा है। स्त्रियाँ कमीज़, दामन, सूट, सलवार, तथा कुर्ती पहनती हैं। विवाह के अवसर पर सामान्यतः बड़े बुजुर्ग पारंपरिक पहनावे में आते हैं। समय के साथ भिवानी में भी हरियाणा के अन्यत्र स्थानों की भांति पाश्चात्य पहनावा प्रचलित होता जा रहा है। जैसे पुरुषों में जींस आदि तथा स्त्रियों में टॉप आदि।

भिवानी के लोग अत्यधिक धार्मिक होते हैं तथा कुछ हद तक कट्टरपंथी हिंदुत्व का अनुसरण करते हैं। अधिकांश राजपूत तथा जाट घरों में आज भी मांसाहार को त्यज समझा जाता है तथा सुध्ह एवं सात्विक जीवन बिताया जाता है।

धर्म

भिवानी को मंदिरों का नगर और भारत की छोटी काशी के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ मंदिरों की अधिकता बहुत ज्यादा है। इनमें से शहर के बीचो-बीच स्थापित घंटाघर का मंदिर और नज़दीक के गाँव देवसर का मंदिर बहुत प्रसिद्द हैं। इसके पश्चात, बैंक कालोनी में उपस्थित ब्यास राधा-स्वामी भी धार्मिक पीठ है जहाँ लोग दूर दूर से सत्संग के लिए आते हैं।

भारत का प्रतिनिधित्व किया और मेडल भी जीते। स्व॰ कप्तान हवा सिंह की याद में बनाया गया बोक्सिंग ट्रेनिंग सेंटर देश को अच्छे खिलाडी प्रदान कर रहा है। इसके अलावा SAI (Sports Authority of India) का छात्रावास भिवानी में ही स्थित है। भिवानी का बहु-उद्देश्यीय खेल परिसर "भीम स्टेडियम" भी विख्यात है जिसमें तैराकी, क्रिकेट, फूटबाल, बास्केटबाल, वोलीबाल, जिम्नास्टिक, एथलेटिक्स, बॉक्सिंग, आदि हर प्रकार के भीतरी और बाहरी खेलों के उपकरणों से लैस सुविधायें युवाओं को उपलब्ध करायी जाती हैं। अपने बॉक्सर खिलाड़ियों की अधिकता की वजह से भिवानी को छोटा क्यूबा भी कहा जाता है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस शहर की जनसंख्या 1,69,424 है, इस ज़िले की कुल जनसंख्या 14,24,554 है।

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